कश्मकश उड़ान की | Kashmkash Udaan Ki- By Deepika Chauhan | Think Tank Akhil


कश्मकश उड़ान की | Kashmkash Udaan Ki- By Deepika Chauhan | Think Tank Akhil

कश्मकश उड़ान की 

कश्मकश उड़ान भरने की,
कुछ उलझनों से भरी सवालों की उड़ान
उन सवालों के जवाब ढूढने की उड़ान।
यह कश्मकश है बदल ना जाने की
होगा या नहीं होगा की
यह कश्मकश है उड़ान की।

उड़ान भरी तो गिर जाने की,
गिरे तो वापिस उड़ान भरने की।
यह कश्मकश है ज़िन्दगी जीने की,
कश्मकश है लोगों के सवालों की।
लगता है जैसे हुआ तो होगा सबके साथ,
पर उनको कश्मकश है इसे जानने की।

की भरी कैसे उड़ान गिर के फिर से उड़ जाने की
यह कश्मकश है हौसले की।
यह कश्मकश है अनचाहे सवालों की
फिर लगता है बेतुका सा होगा अनजान लोगो को समझाना,
जिसने कभी उड़ान भरी ही नहीं
यह कश्मकश है सपनो की।

यह कश्मकश है उदास होकर भी हंसने  की
बेवजह मुस्कुराने की,
यह कश्मकश ही तो है जिसके सहारे लड़ जाते हैं हम 
यह कश्मकश है चकोर की तरह उड़न भरने की।
यह कश्मकश  है उड़ान भरने  की
BY- Deepika Chauhan
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