बहुत दूर निकल जाने से मिलती नहीं खुशियां घर लौटकर वापस आना होता है। उसे प्यार से देखकर कुछ कह ना सकूं धीरे धीरे प्यार जताना होता है। यूं तो लोग दुनिया से जाते हैं अकेला मरने के बाद पीछे जमाना होता है। हर कोई शामिल हो जाता है खुशी में ज़ख्म पर मरहम ना कोई लगाने वाला होता है। इश्क में ताज बनाने की बात करते हैं भूख मिटी कि सब भूल जाना होता है। वो आए थे कि राज करेंगे दुनिया पर भूल गए कि एक दिन सबको जाना होता है। हार और जीत तो बस रस्मे है दुनिया की मकसद तो बस खेल दिखाना होता है। कुछ फूल दिए थे उसने गुलाब के बंद किताबो में उन्हें सूख जाना होता है। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃