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Showing posts with the label Poetry Shayari. Shayari

पहचान | Pehchan by Akhilesh Dwivedi | Think Tank Akhil

हर तरफ धुंधला-धुंधला सा दिख रहा है जैसे कोई आंसुओं से गया है मिलने। गुमान हमको किस बात का है मनो यह दुनिया ही रची है हमने। वो एक शख्स जो आँखों में मेरी दिखता है तस्वीर उसकी ही दिल में रखी है हमने। हर शख्स सा दिखता है एक शख्स मुझमें खुद में  सबकी परछाईं सी रखी है  हमने। सपनों ने कभी चैन से सोने ना दिया जाग जाग कर रातें गुजारी है हमने। रो रही है मौत जिसके मरने पर एक ऐसी पहचान रची है हमने। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

ज़रूरी है | Zaruri Hai | By Akhilesh Dwivedi | ThinkTank Akhil

ज़रूरी है यह शहर है अनजानों का, नए हैं सब यहां गुजार सकूं कुछ दिन तो जान पहचान ज़रूरी है। कहां घूमते हैं गलियों में आवारा इस शहर में अपना एक मकान ज़रूरी है। उन्हें इश्क़ हो किसी से भला यह मुनासिब कहां है  हर गली में हो उसका कद्रदान ज़रूरी है। कहां जाओगे जब निकलोगे घर से बाहर मंज़िल मिले जहां ऐसा स्थान ज़रूरी है। ना जाने किस भीड़ में वो खो गई अमानत मेरी बची इंसानियत हो जिसमें वो इंसान ज़रूरी है। जाति, धर्म और भाषाओं में बांट दिया है फायदे के लिए हमारे लिए तो बस भारत की शान ज़रूरी है। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

वापस आना होता है | By Akhilesh Dwivedi | True and Life Experience | Think Tank Akhil

बहुत दूर निकल जाने से मिलती नहीं खुशियां घर लौटकर वापस आना होता है। उसे प्यार से देखकर कुछ कह ना सकूं धीरे धीरे प्यार जताना होता है। यूं तो लोग दुनिया से जाते हैं अकेला मरने के बाद पीछे जमाना होता है। हर कोई शामिल हो जाता है खुशी में ज़ख्म पर मरहम ना कोई लगाने वाला होता है। इश्क में ताज बनाने की बात करते हैं भूख मिटी कि सब भूल जाना होता है। वो आए थे कि राज करेंगे दुनिया पर भूल गए कि एक दिन सबको जाना होता है। हार और जीत तो बस रस्मे है दुनिया की मकसद तो बस खेल दिखाना होता है। कुछ फूल दिए थे उसने गुलाब के बंद किताबो में उन्हें सूख जाना होता है। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

मै क्यों लिखता हूं | Mai Kyu Likhata Hu | By Akhilesh Dwivedi | Think Tank Akhil

मै क्यों लिखता हूं? निर्जीव पड़े हैं कितने यहां एक रोशनी की तलाश में, अंधियारे में रात गुजरती उजियारे की आस में। जलती धूप में महल बनाया फरमाते वो जिसमे आराम, गर्म कर रहे अपनी जेबें मजबूरों से करवाते काम। फिर मुझसे कहते हैं कि मै क्यों नहीं चुप रहता हूं? मुस्कुरा सकती थी जो इस जग में उम्मीदों की लिए उड़ान, अंतरिक्ष में जा सकती जो सपना होता जिनका आसमान, जन्म से पहले उन्हें मार दिया कर सकती थी जो ऊंचा नाम। फिर कहते हो तुम मै यह सब क्यों लिखता हूं? अरे! थक गई हैं आंखे मेरी हाथो से दर्द बयां करता हूं, कुछ और नहीं है कहने को बस इसीलिए मै लिखता हूं। बस इसीलिए मै लिखता हूं।। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी संपादक - शालू शर्मा  Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

जो थे कभी अपने अंजान हो गए | Jo The Kabhi Apne Anjaan Ho Gaye | By Akhilesh Dwivedi | Think Tank Akhil

जो थे कभी अपने अंजान हो गए बनाया हमने जिनको वो अब भगवान बन गए, दूर से दिख रही थी कुछ रोशनी पास जाकर देखा तो अपने ही मकान जल गए। उन रिश्तों की अहमियत बचाने में रह गए जो थे अपने पर बेगाने ही रह गए, वो आए और घर मेरा ही फूंक दिया आग घर के जिसकी हम बुझाने में रह गए। बड़ा अजीब था वाक़िआ वो हम उसे ही सुलझाने में रह गए, जिस किसी ने दिया दिलासा मुझे वो मेरे ही घर में अपनी भूख मिटाने में रह गए। मैं ढूंढता रहा कोई सच्चा साथी और ढूंढने में जिसे जमाने निकल गए, जब मिला है वो एक अर्से बाद तो कुछ किस्से यार पुराने निकल गए। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

लगता है कि तुम हो | Lagta Hai Ki Tum Ho | Beautiful Thought | Think Tank Akhil

लगता है कि तुम हो  राहत सी जो दे जाए तो लगता है कि तुम हो परछाई कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो। जब बारिश के सुहाने मौसम में कोई बूंद टकराए तो लगता है कि तुम हो। काली तन्हाँ रातें जब सताए चैन कहीं ना आए तो लगता है कि तुम हो। समुंदर की बलखाती लहरों में कोई मोती उतर जाए तो लगता है कि तुम हो। कंकरीले पथरीले चट्टानों में कोई झरना बह जाए तो लगता है कि तुम हो। सुनसान गुजरती अकेली राहों में कोई हाल पूछ जाए तो लगता है कि तुम हो। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃

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