इश्क़ निरंतर असफलता के बाद भी करना प्रयास इश्क है, किस्मत से भी लड़ जाना किसी के साथ इश्क है। जिस्मों की हो चाहत यह ज़रूरी तो नहीं, किसी की चाह में हद से गुजर जाना भी इश्क है। बेजुबान होकर भी वो करता रहा बेइंतेहा इश्क, प्यार से उसका सीने तक पहुंच जाना भी इश्क है। यह कहां लिखा है कि दो लोग ज़रूरी है इश्क में, मंजिल हासिल करने का हर प्रयास इश्क है। प्रियतम को एक बार देख लेने की बस हो चाहत, उसके रास्ते में बिछाए रखना आंख भी इश्क है। यह सच है की वो सरहद से वापिस नहीं आयेगा, फिर भी करते रहना उसका इंतेजार इश्क है। मोहन का ना होना हमेशा राधा के साथ फिर भी राधा का करते रहना प्यार इश्क है। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃