हर किसी ने मुझे अपने हिसाब से तोला जिसे जो मिला हर किसी ने कुछ बोला, मैं अच्छा बुरा समझ ना सका जिससे जितना हो सका सबने अपना मुँह खोला। खुद को बदलने की कोशिशें मैंने तमाम की वक़्त ने जैसे चाहा उस तरह से बदला, लोग आते रहे, मुझको आजमाते रहे जिसने जैसा चाहा, मैं उस तरह से मिला। सुना है आईना झूठ नहीं बोला करता मुझसे मिलकर उसने भी लोगो में ज़हर घोला, मैं चलता रहा मेरे मुकाम की तरफ कामयाबी से पहले नाकामी ने सर चढ़कर बोला मैं शुक्रगुजार हूँ हर किसी का जिस किसी ने जो किया और जो जो बोला, उनके शब्द मेरे लिए थे सच्चे मैंने खुद को खुद ही उनके लिए बदला। हर किसी ने मुझे अपने हिसाब से तोला। ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow Friends, If you like the post, comment below and do share your response. Thanks for reading 😃
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