Beautiful Poem For Mom- Mother's Day Special जब तुम मुझे गले से लगाती हो याद रहता है वो हर लम्हा याद आती हो तुम इस ज़माने में जब जब पाता हूँ खुदको तन्हा । उस आँचल की छाँव में सो जाना चाहता हूँ जहाँ सोते ही भूल जाता है जहान सारा छुट्टियों में जब भी लौटकर घर अता हर बार दरवाजे पर इंतज़ार करता पाता। ढूंढता फिरता ज़माने में खुशियाँ एक पल साथ में हो तो लगता अपना यह जहाँ सारा, भूख नहीं है कहने पर भी खाने को है मिल जाता कुछ ना कहने पर भी तुम्हें सब पता चल जाता। चाहे कहीं भी रहूँ इस ज़माने की भीड़ में हर दिन हर लम्हा तुम्हे साथ हूँ मैं पाता यूँ तो याद रखने को हैं कई लम्हें पर वो एक लम्हा मुझे हमेशा याद है आता "जब तुम मुझे गले से लगाती हो माँ " ✍️ -अखिलेश द्विवेदी Follow