हाँ मुझे तुमसे प्यार नहीं। |
माना की तुम करती थी मेरा इंतज़ार
कभी ना करने दिया मुझे इंतज़ार,
तुम्हारी हर बात मुझसे होती थी शुरु
और मेरी बातों में कभी तुम्हारा ज़िक्र नहीं।
हाँ मुझे तुमसे प्यार नहीं।
दोस्तों से बस मेरी ही बातें करना
जन्मदिन, पहली मुलाकात हर लम्हाँ याद रखना,
हर दिन को एक साथ खुशियों से सजोना
और मुझे यह लम्हें कभी याद होते नहीं।
हाँ मुझे तुमसे प्यार नहीं।
बिना थके मीलों साथ साथ चलना
और कहना की घर बहुत जल्दी आ गया,
मेरे साथ वो अपना हसीन वक़्त गुजरना
और मेरा बस, तुम्हारा साथ निभाना यूँही।
हाँ मुझे तुमसे प्यार नहीं।
वो देर रात तक बातें करना
कभी होता उदास तो मुझे समझाना,
खुद गुस्सा होकर, खुद ही मुझे मानना
और मैं समझा था तुम्हे एक अनजान राही।
हाँ मुझे तुमसे प्यार नहीं।
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