उसकी याद में आंखें नम कर के रोया | Usaki Yaad Me Ankhe Nam Karke Roya- Emotional Poem By Akhilesh Dwivedi | Think Tank Akhil
उसकी याद में आंखें नम कर के रोया
अकेले राहों में हर कदम पर रोया,
तनहाई अकेले नहीं मिटती कभी
कभी वो मिला तो उससे बिछड़ कर रोया।
बहार आई कई बार उसके दरवाजे पर
कभी ओस तो कभी बारिश बनकर रोया।
रोज सोया नहीं मै मखमल के बिस्तर पर
कभी पत्थर को मखमल समझकर सोया।
वो पल नहीं जब वो याद ना आए
उसकी यादों के तकिए से लिपटकर रोया।
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