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तू क्यों हुआ हताश है। |
सब-कुछ तो तेरे पास है,
जिसकी तुझे तालाश है
उसे खुद तेरी तालाश है।
तू क्यों हुआ हताश है।
प्रयत्न का संघर्ष का जो तीर तेरे पास है
सोचना है कुछ नहीं बस करना अभ्यास है,
उद्देश्य को तेरे सचमुच तेरी तालाश है
तू क्यों हुआ हताश है।।
जिज्ञासा का तेरी जो समुंदर तेरे पास है
तू नौका संभाल पतवार तेरे पास है,
मंजिलें है तेरी, तू क्यों खड़ा उदास है
उठ, खड़ा हो, देख तेरी मंज़िल तेरे पास है।
तू क्यों हुआ हताश है,
जिसकी तुझे तालाश है उसे खुद तेरी तालाश है।।
Thank You ☺️
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