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एक दिन मैं भी फौजी कहलाऊंगा | Ek Din Mai Bhi Fauji Kahelaunga | By Akhilesh Dwivedi | Think Tank Akhil

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मैं भी फौजी कहलाऊंगा


यह उस वर्दी की चमक है,
या उन कदमों की धमक है।
यह चांद-तारों की बात है,
या फिर कंधों के सितारों की चमक है।
एक दिन इनको खुद से जोड़ जाऊंगा,
एक दिन मैं भी फौजी कहलाऊंगा।

वतन की आन-बान-शान के लिए,
मैं मौत से भी लड़ जाऊंगा।
वो दिन भी मैें देखूंगा,
जब दो मां का बेटा कहलाऊंगा।
मेरी अंतिम सांसो से सबको एकजुट कर जाऊंगा,
एक दिन मैं भी फौजी कहलाऊंगा।

वो गाड़ी वो घर, वो फौजियों का शहर
ना दिन की कोई चिंता, ना रात की कोई फिकर।
सीने पर हिंदुस्तान का मान लिए,
हाथों में तिरंगा, देश की शान लिए।
मैं हर बार विजय परचम लहराऊंगा,
एक दिन मैं भी फौजी कहलाऊंगा।

वो एक दिन घर से दूर मेरा जाना होगा,
बटुए में छिपा यादों का खजाना होगा।
मां की दुआओ का एक प्यारा चमन होगा,
मेरे ऊपर तिरंगे का कफ़न होगा।
उस दिन सबकी आंखो से मै ओझल हो जाऊंगा,
एक दिन मैं भी फौजी कहलाऊंगा।


✍️ -अखिलेश द्विवेदी

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  1. So close to heart of every defence aspirant ��

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