नादान मुसाफ़िर है इस सफ़र में सभी
एक खुश हो तो दूसरा रूठ जाता है।
इस तरह ना चलाओ तीर शब्दों के
दिल कांच सा है जल्द ही टूट जाता है।
सफ़र में लोगों का आना जाना लगा रहता है
जिसे मंज़िल मिले साथ उसका छूट जाता है।
बेवजह भी मिल लिया करो कभी अपनों से
वक्त लंबा हो तो भरोसा टूट जाता है।
अगर जीने लगे सबको खुश करने के लिए
हर शख्स हर बात पर बेवजह रूठ जाता है।
✍ अखिलेश द्विवेदी
Nice line
ReplyDeleteSo nice
ReplyDeletekoshish kri mene sbko dost banane ki pr dost km dusman jyada banata gya
ReplyDeleteye bhi add kr skte ho
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