बचाने की ज़रुरत है
समंदर ने बचाया पानी
दरख्तो ने बचाए घोसले,
पतवार ने संभाली कस्तियां
मेहनत ने बचाए हौसले।
कांटो ने बचाया फूलों को
रोशनी ने बचाया भूलों को,
भुखमरी से बचाया किसान ने
अतांक से बचाया जवान ने।
मधुमक्खियों ने शहद बचाया
लोगो ने मिलकर शहर बसाया,
संस्कृति को इतिहास ने बचाया
आने वाले कल को हमने आज बचाया।
अब बस ज़रूरत है
इंसान को इंसानियत से मिलाने की
इंसान में इंसानियत बचाने की ज़रुरत है।
👌
ReplyDeleteThanks & Regards
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